DPC का फूल फॉर्म civil engineering में damp proof course है। DPC को भवन निर्माण में फाउन्डेशन के बाद लगाया जाता है। डीपीसी को गांव में या राज मिस्त्री के द्वारा इसको बीम भी कहा जाता है लेकिन इसको इंजीनियरिंग भाषा में DPC (damp proof course ) कहते हैं। DPC (damp proof course ) की भवन निर्माण में बहुत अहम भूमिका है।
हम इस ब्लॉग में भवन निर्माण से संबंधी DPC (damp proof course ) की चर्चा कर रहे हैं।
अक्सर DPC को लेकर कुछ प्रश्न आते हैं ये प्रश्न इस प्रकार है
- DPC (damp proof course ) क्या होता है?
- DPC (damp proof course ) को भवन निर्माण करते समय कहां कहां पर लगाया जाए ?
- DPC (damp proof course ) का क्या डिटेल्स (details) होता है?
- DPC (damp proof course ) की तिकनस (thickness) कितना होता है ?
- क्या DPC के बिना भवन निर्माण कर सकते हैं?
DPC (damp proof course) को भवन निर्माण करते समय कहां कहां पर लगाया जाए ?
DPC (damp proof course ) को भवन निर्माण में सीलिंग/सील, छोटी दरारों में पानी का अंदर घुसने का विरोध बनाता है।DPC (damp proof course ) की डिटेल्स (details) के लिए आप पिक्चर को देखे।
DPC (damp proof course ) को दीवार की मोटाई के बराबर ही लगाया जाता है।DPC दो प्रकार के होते हैं।
1- क्षैतिज डी पी सी horizontal DPC
2- ऊर्ध्वाधर डीपीसी vertical DPC
DPC भवन निर्माण में एक तरह से बैरियर की तरह कार्य करता है।
जैसा कि आप पिक्चर में देख रहे हैं कि पानी और सीलिंग को उपर की तरफ प्रर्दशित किया जा रहा है।
सीलिंग और छोटी दरारों में पानी का अंदर भूमि से ऊपर दीवार के सहारे ऊपर सरकता रहता है।
जो दीवारों को कमजोर करने का काम करता है। इसलिए सीलन और नमी से बचने के लिए DPC (damp proof course ) लगाया जाता है।
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DPC (damp proof course ) डी पी सी लगाने के लिए विभिन्न प्रकार के मटेरियल (materials)
उपलब्ध है
1- asphalts
2- bituminous
3- mortar
4- plastic, metal sheet etc.
इन सभी प्रकार के मटेरियल में से mortar मोर्टार का अधिक इस्तेमाल किया जाता है क्योंकि mortar मोर्टार लगाने में आसानी होती है।
DPC (damp proof course) को लगाते समय रेनफोर्सढ reinforced का इस्तेमाल भी कर सकते हैं। अर्थात structure के अनुसार भवन की मजबूती के लिए स्टील ( steel ) का प्रयोग कर सकते हैं। साथ ही आप वाटरप्रूफिंग भी कर सकते हैं। इससे आप अपने भवन में आने वाली सीलन और नमी को रोक सकते है।
DPC Full Form in Civil Engineering: A Comprehensive Insight
The world of civil engineering sees “DPC” as an abbreviation of great significance, standing for Damp Proof Course.
This might appear to be an ordinary word or phrase that represents nothing but a significant part of the building process and overall lifespan. This importance is underscored by the presence of damp proof course (DPC) which is often installed in modern buildings.
Why is DPC (damp proof course) crucial?
Infiltration of moisture destroys structures leading to wetness, mold, and eventually structural damage. With DPC put in place, buildings are safe from problems brought by humidity;
such protective barriers usually built at their foundations help avoid infiltration of water into walls.
DPC materials have changed quite significantly. Traditionally slates and leads were used. Currently there are several choices including bituminous felts, plastic sheets and chemical treatments. These materials vary in terms of characteristics, benefits as well as application techniques thereby complicating decision making process further.
Strict processes must be followed when installing DPCs. It is not just laying a barrier; it calls for careful planning and implementation processes. The positioning has to be exact such that it matches up with the design specifications so as to make it serve its intended purpose effectively. Furthermore any gaps or inconsistency